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अब साख बचाने को हरकत में सरकार

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा- अडाणी एफपीओ मामले से देश की छवि पर असर नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडाणी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) वापस लेने से देश की अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है। वित्त मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है। उन्होंने कहा कि हर बाजार में ‘उतार-चढ़ाव’ होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई वृद्धि इस तथ्य को साबित करती है कि भारत और उसकी ताकत को लेकर भरोसा बरकरार है।

अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में नियामक अपना काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘…बाजारों को सही स्थिति में विनियमित करने के लिए सेबी प्राधिकरण है। उसके पास इस सही स्थिति को बनाए रखने के साधन हैं।’ वित्त मंत्री ने अपने शुक्रवार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई पहले ही बता चुका है कि बैंक क्षेत्र मजबूत और स्थिर है। अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने करीब 10 दिन पहले अडाणी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे। अहमदाबाद स्थित अडाणी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया है। अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट के कारण इसके एफपीओ को पूरा अभिदान मिलने के बावजूद रद्द कर दिया गया।

उतार-चढ़ाव से निपटने को निगरानी व्यवस्था मौजूद : सेबी

नयी दिल्ली : अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सेबी ने शनिवार को कहा कि वह शेयर बाजार में निष्पक्षता, कुशलता और उसकी मजबूत बुनियाद बनाये रखने के साथ सभी जरूरी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बाजार नियामक ने कहा कि विशिष्ट शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। सेबी ने अडाणी समूह का नाम लिए बिना एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह एक कारोबारी समूह के शेयरों की कीमत में असामान्य रूप से उतार-चढ़ाव देखा गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बयान में कहा, ‘सेबी बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहता है। किसी खास शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निगरानी उपाय (एएसएम ढांचे सहित) मौजूद हैं।’ बयान के मुताबिक, ‘यह व्यवस्था किसी भी शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के तहत अपने आप सक्रिय हो जाती है।’

पुरानी कर व्यवस्था खत्म करने की समय सीमा नहीं : निर्मला

एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है और सरकार ने केवल एक नयी कर व्यवस्था पेश की है, जो सरल है और जिसमें दरें कम हैं। अधिकारियों ने इस बात से भी इनकार किया कि इससे अर्थव्यवस्था में बचत पर असर पड़ेगा।

अब पतंजलि के शेयरों में भी भारी गिरावट

नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : अडाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट के बीच पतंजलि फूड्स के शेयरों में गिरावट पर किसी का ध्यान नहीं गया। इस सप्ताह के 5 दिनों में, पतंजलि के शेयरों में 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जो बमुिश्कल 4 महीने पहले 1,495 रुपये के उच्च स्तर के मुकाबले 700 रुपये के एक साल के निचले स्तर को छू गया है। विश्लेषकों के अनुसार यह गिरावट बाजार की स्थितियों से संबंधित है न कि शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों से संबंधित, जैसा कि अडाणी समूह के मामले में हुआ। इसकी एक वजह दिसंबर तिमाही के कमजोर नतीजे भी बताए जा रहे हैं। पतंजलि फूड्स का कहना है कि तिमाही के दौरान उसका राजस्व साल-दर-साल आधार पर 26 फीसदी बढ़ा, जिसकी बाजार ने उम्मीद नहीं की थी। ग्रामीण मांग में 7 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान के कारण सकल लाभ में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और पिछले वर्ष की समान तिमाही में मार्जिन 4.6 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत रह गया।

 

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