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संत रविदास की शिक्षाओं से आज भी मिलता है मार्गदर्शन

भाजपा सांसद डाॅ अरविंद शर्मा ने कहा कि गुरु रविदास जी महाराज बेहद धार्मिक स्वभाव के थे और भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक रहे। सांसद ने कहा कि उनके उपदेशों और शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है, संत रविदास के उपदेशों के बारे में कहा गया कि हमेशा कर्म करते रहो, लेकिन उससे मिलने वाले फल की आशा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य। रविवार को सांसद अरविंद शर्मा ने जिले में कई कार्यक्रमों में शिरकत की।

इस दौरान गांव सुनारियां कलां में आयोजित रविदास जयंती कार्यक्रम मंे बोलते हुए सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि जिस तरह से तेज हवा के चलते सागर में बड़ी लहरें उठती हैं और फिर से सागर में ही समा

जाती हैं, सागर से अलग उनका कोई अस्तित्व नहीं होता है। इसी तरह से परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं है।

सासंद ने कहा कि गुरु रविदास ने अपना पूरा जीवन अपनी विवेक-बुद्धि से परमात्मा की स्तुति करते हुए मनुष्य को सदाचार और मान-सम्मान भरा जीवन जीने का रास्ता दिखाने में बिताया, उन्होंने उस समय के अनेक धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक से बिना किसी डर से डंके की चोट पर चुनौती देकर मनुष्य द्वारा दूसरे मनुष्य पर किए जा रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई और उन्हें गलत काम करने से मना किया, जिसके परिणामस्वरूप उस समय के अनेक राजा गुरु संत रविदास जी की शरण में आ गए।

‘सामाजिक समरसता की पेश की मिशाल’

चमारान कम्यूनिटी सेंटर सोसाइटी द्वारा कलानौर स्थित विश्वकर्मा धर्माशाला में संत शिरोमणी गुरू रविदास की जयंती धूमधाम के साथ मनाई। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने कहा कि निर्गुण भक्ति शाखा के महान कवि व संत रविदास उन महान पुरुषों में से एक हैं, जिन्होंने समाज की धारा का रुख मोड़ दिया था। उनके द्वारा गाए दोहों और पदों से आम जनता का उद्धार हुआ। अत्यंत सहृदयी स्वभाव के रैदास कर्म को ही महत्ता देते थे। सामाजिक समरसता का उदाहरण देते हुए जात-पात आदि से कोसो दूर रहे। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास ने सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक किया।

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