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प्राकृतिक खेती वक्त की अहम जरूरत : कृषि मंत्री

बृहस्पतिवार को सफीदों में हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि आजादी के बाद सरकारों ने किसान के लिए प्रयास किए लेकिन चिंता की बात यह है कि इस सब के बावजूद देश का किसान बदहाल है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान का ध्यान रोजगार की तरफ व परम्परागत खेती को छोड़ नयी चीजों की तरफ नहीं होगा और उसे माल बेचना नहीं सिखाया जाएगा, तो पिछले 75 साल में जो हुआ है वही होता रहेगा। वह यहां की निजी कम्पनी जीपीसी बायोकेयर की जैविक खेती मुहिम के तहत स्थापित किसान पाठशाला व जैविक संयंत्र का लोकार्पण करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीति करने वाला किसान के नाम पर वोट कमा लेता है, व्यापार करने वाला तीन-तीन मंजिला दुकानों का मालिक हो जाता है लेकिन किसान गरीब होता जा रहा है। कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को आज की जरूरत बताते हुए कहा कि मिलेट्स की भी मांग बहुत है किसानों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अढ़ाई एकड़ के झींगा मछली फार्म में 15-20 लाख रुपये की लागत के साथ छह माह में ही 30 से 40 लाख रुपये की आय हो जाती है। इस मौके पर मेजबान कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक सौरभ गर्ग ने किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने, प्रशिक्षण देने, उन्हें वाजिब दामों पर जैविक इनपुट्स उपलब्ध कराने तथा जैविक फसल खरीदने के कार्यक्रम की जानकारी दी। इस मौके पर प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारतभूषण, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग, हैफेड के अध्यक्ष कैलाश भगत, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजयपाल सिंह व कर्मवीर सैनी, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य, पूर्व विधायक जसबीर देसवाल व कलीराम पटवारी उपस्थित थे।

खराब गेहूं की कराएंगे जांच: कृषि मंत्री

सफीदों में हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के एक कवर्ड गोदाम में एक साल के भीतर 22235 क्विंटल सरकारी गेहूं को एफसीआई द्वारा ‘मानव उपभोग के नाकाबिल’ घोषित कर दिये जाने के मामले में ‘दैनिक ट्रिब्यून’ के सवाल पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि उन्हें विस्तृत जानकारी दे दी जाए तो वह इसकी जांच कराएंगे। बता दें कि इस गेहूं में 90 क्विंटल तो इस कदर खराब है कि इसे जमीन में दबाने के निर्देश हैं।

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