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पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन

मांगों को लेकर केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन, कहा-

केंद्रीय बजट में नयी पेंशन पुरानी पेंशन बहाल करने और संविदाकर्मियों को नियमित करने जैसी मांगों की अनदेखी होने पर केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। आंदोलन की शुरूआत चालू बजट सत्र में ही संसद पर आक्रोश प्रदर्शन से की जाएगी। यह जानकारी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा संबंद्ध ऑल इंडिया स्टेट गर्वमेंट इंपलाईज फेडरेशन की ओर से जिला अध्यक्ष सूरजभान जटासरा, सचिव सहदेव रंगा, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र रोहिल्ला ने दी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की नाराजगी के कई ओर मुद्दे भी हैं। जिसमें 18 महीने के बकाया डीए का भुगतान करने व सरकारी विभागों एवं उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने, एक्सग्रेशिया, रोजगार स्कीमों पर लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देना प्रमुख है। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ तथाकथित अर्थशास्त्रियों व नीति आयोग के पदाधिकारियों से बयानबाजी करवाकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी के अंत तक सभी राज्यों में केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों के संयुक्त राज्य सम्मेलन आयोजित होंगे।

लिपिक वर्ग ने जताया रोष

कनीना (निस):वेतन वृद्धि की मांग को लेकर लिपिक वर्गीय कर्मचारियों द्वारा बीती 6 फरवरी से शुरू किया गया रोष प्रदर्शन जारी है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहित अन्य विभागों के कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। लिपिक वर्गीय कर्मी ईश्वर, रामपाल ने बताया कि उनके मूल वेतन में वृद्धि करने की मांग काफी समय से लंबित है। सीएम के नाम ज्ञापन पत्र भी सौंपे थे। सरकार लिपिक वर्ग की मांग को नजरअंदाज कर रही है।

काली पटटी बांधकर किया प्रदर्शन

भिवानी वैश्य महाविद्यालय के गैर-शिक्षक स्टॉफ के सदस्यों ने बुधवार को अपनी मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर महाविद्यालय के गेट पर इकटठे होकर रोष प्रदर्शन किया तथा जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने अपने मांगपत्र की कॉपी ई-मेल के जरिये मुख्यमंत्री को भेजी। उन्होंने बताया कि उनकी सभी मांगों को प्रदेश सरकार पूरा करे जिसमें टेकओवर, एसीपी का लाभ, मेडिकल सुविधा व चिकित्सा प्रतिपूर्ती का लाभ, संशोधित एचआरए लागू करने, एक्सग्रेशिया, एनपीएस कर्मचारियों को डेथ -कम – रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का लाभ देना शामिल है।

‘वेतन रोकना, परेशान करने की मंशा’

हिसार (निस):हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 1.5 लाख कर्मचारियों का वेतन बिना किसी ठोस कारण के रोके जाने पर रोष जताया है। हसला के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान दलबीर पंघाल ने कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को दिसम्बर का वेतन भी 18 जनवरी के बाद दिया गया था । उन्होंने कहा कि वित्त विभाग की वेबसाइट दर्शा रही है कि ई-पोस्टिंग का कार्य पूरा न होने के कारण वेतन रोका जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि यह कार्य तो मुख्य कार्यालय द्वारा किया जाना है तो बिना किसी ठोस कारण के फील्ड के कर्मचारियों का वेतन रोकना सिर्फ उनको परेशान करने की मंशा के सिवाय कुछ नहीं है।

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