
हम वादे निभाने के लिए जाने जाते हैं, वे तोड़ने के लिए : हुड्डा
कांग्रेस सरकार के दौरान हमने अपने घोषणा पत्र का एक-एक वादा पूरा किया था जबकि भाजपा-जजपा ने आज तक अपने घोषणा पत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया। इसलिए हम वादे निभाने के लिए जाने जाते हैं और भाजपा-जजपा वादे तोड़ने के लिए। नेता विपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को यह बात कही।
हुड्डा गुरुग्राम में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। भूपेंद्र हुड्डा ने मजदूर, कर्मचारियों समेत तमाम वर्गों के अधिकारों के लिए इंटक द्वारा किए जा रहे संघर्ष की सराहना की। सम्मेलन में रोडवेज, मनरेगा, मिड-डे मील से जुड़े मजदूर व कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं गिनाई और मांगें रखी। हुड्डा ने उनकी मांगों को जायज मानते हुए कांग्रेस सरकार बनने पर पूरा करने का भरोसा दिलाया।
हुड्डा ने राजस्थान की गहलोत सरकार समेत तमाम कांग्रेस सरकारों का पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही बताया कि चौधरी उदयभान के अध्यक्ष बनते ही हरियाणा कांग्रेस ने पार्टी की सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का ऐलान किया था। इसी तरह प्रदेश के सभी बुजुर्गों को 6000 रुपये प्रति माह बुढ़ापा पेंशन देने का वादा किया है। कांग्रेस अपने एक-एक वादे को निभाती है। यही वजह है कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 2014 से पहले हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन और विकास में अव्वल था। लेकिन भाजपा-जजपा ने प्रदेश को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध और महंगाई में नंबर वन बना दिया है। आज प्रदेश में स्थिति ऐसी हो गई है कि स्कूल में टीचर, अस्पताल में डॉक्टर और सरकारी दफ्तर में कर्मचारी नहीं हैं।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में मेट्रो लाइन से लेकर नई रेलवे लाइन बिछाने, कई यूनिवर्सिटी बनाने, थर्मल प्लांट्स स्थापित करने, मेडिकल कॉलेज, एम्स से लेकर सड़क, हाईवे और नेशनल हाईवे बनाने जैसे अनेक कार्य कराए गए।
भाजपा ने श्रमिक कानूनों में किया फेरबदल : उदयभान
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा को मजदूर विरोधी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने श्रमिकों के कानूनों में फेरबदल करके उनके शोषण को बढ़ावा दिया। श्रम कानूनों में विवरण था कि कोई अगर मजदूर से 8 घंटे से ज्यादा काम लेगा तो उसे दोगुनी मजदूरी देनी होगी। लेकिन भाजपा ने इसमें बदलाव करके 8 घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया। साथ ही पूंजीपतियों को यह छूट दे दी कि वो मजदूर को कभी भी काम से निकाल सकते हैं। उदयभान ने इंटक से आह्वान किया कि नए श्रमिक कानूनों के खिलाफ किसानों की तरह मजबूती से आंदोलन करें। जिस तरह किसानों ने भाजपा सरकार को 3 कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया, इसी तरह मजदूरों को भी संगठित होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी।