
ई-टेंडरिंग का विरोध, सरपंचों की पावर मिलेगी पंचों को, सरकार कर रही तैयारी
हरियाणा में ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों के दबाव में न आकर सरकार उनकी पावर को ही कम करने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार ने सरपंचों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने विरोध छोड़कर कामकाज नहीं संभाला तो उनके अधिकार पंचों को दे दिए जाएंगे। सरकार ने पंचों को इशारा किया है कि वे अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार रहें। सरकार उन्हें किसी भी समय सरपंचों की पावर सौंप सकती है।
हरियाणा के पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली ने बृहस्पतिवार को सरपंचों की पावर खत्म करने के साथ ही पंचों को पावरफुल बनाने के संकेत दिए। पूरे प्रदेश में सरपंच ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं। सरपंचों को बिना टेंडरिंग के दो लाख रुपये तक के काम कराने की पावर है, जबकि दो लाख रुपये से ऊपर के काम ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराने का प्रावधान किया गया है। पहले बिना ई-टेंडरिंग के 25 लाख रुपये तक के काम सरपंच करा सकते थे। राज्य सरकार को लग रहा था कि बिना ई-टेंडरिंग के भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और राज्य के विकास का पैसा गांवों में सही ढंग से नहीं लग पा रहा है।
पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली सरपंचों के निर्वाचन के बाद जिस भी जिले में गए, वहां उनका सरपंचों ने विरोध किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी पिछले दिनों साफ कह दिया कि सरकार ई-टेंडरिंग की व्यवस्था खत्म नहीं करने वाली है। अब बबली ने सरपंचों के काम पर नहीं लौटने की स्थिति में पंचों को पावरफुल करने की बात कही है। बबली ने कहा कि हमने ईमानदारी की स्प्रे छिड़कनी शुरू कर दी है। इससे भ्रष्टाचार की दीमक का सफाया करेंगे। यदि सरपंच काम नहीं करेंगे तो गांवों का विकास बाधित नहीं होने दिया जा सकता है।
देवेंद्र बबली ने अपनी ही पार्टी के विधायक जोगी राम सिहाग का नाम लेकर कहा कि विपक्ष के कई नेता भी इन सरपंचों को उकसा रहे हैं। मनरेगा के नाम पर कई लोग गांव के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
जिन लोगों ने कभी गांव में काम करवाया ही नहीं, वह यह बात कैसे कह सकते हैं कि नई व्यवस्था लागू होने से मनरेगा खत्म हो जाएगा। जो लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं, उनका मकसद विकास कार्य करवाने का नहीं है, बल्कि अपनी जेब भरने का है। लेकिन सरकार उन्हें उनकी जेब भरने नहीं देगी।
ग्राम पंचायतों से मिले सिर्फ 2500 प्रस्ताव
हरियाणा में पंचायतों के चुनाव के बाद अभी तक ग्राम पंचायतों के माध्यम से विभिन्न विकास कार्यों के लिए लगभग 2500 प्रस्ताव आए हैं, जिनकी मंजूरी होनी बाकी है। मंत्री ने ग्राम पंचायतों से विकास कार्यों के लिए लक्ष्य से कम प्रपोजल आने पर जिला अधिकारियों को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा की अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हर विकास कार्य निर्धारित समय पर पूरा हो और उसमें गुणवत्ता भी बनी रहे। एक दिन पहले हुई पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह समीक्षा की गई है।