
शिवसेना का अब एक ही नाथ
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को नाम और 'धनुष-तीर' किया आवंटित
महाराष्ट्र के कद्दावर नेता उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित कर दिया। शिंदे द्वारा दायर छह महीने पुरानी याचिका पर एक सर्वसम्मत आदेश में, तीन सदस्यीय आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह को बनाए रखने की अनुमति दी।
आयोग ने 78 पन्नों के आदेश में कहा, ‘पिछले साल अक्तूबर में शिंदे गुट को आवंटित ‘बाला साहेब शिवसेना’ का नाम और ‘ढाल और दो तलवा’ चिन्ह को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया जाएगा और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने आदेश को अंतिम रूप देते समय ‘पार्टी संविधान के परीक्षण’ और ‘बहुमत के परीक्षण’ के सिद्धांतों को लागू किया।
आयोग ने कहा कि शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में लगभग 76 प्रतिशत वोट मिले। इसमें कहा गया है कि ठाकरे गुट के विधायकों को विजयी शिवसेना उम्मीदवारों के पक्ष में 23.5 प्रतिशत वोट मिले। आयोग ने कहा कि प्रतिवादी (ठाकरे गुट) ने चुनाव चिन्ह और संगठन पर दावा करने के लिए पार्टी के 2018 के संविधान पर बहुत भरोसा किया था, लेकिन पार्टी ने संविधान में संशोधन के बारे में आयोग को सूचित नहीं किया था।
बालासाहेब की विरासत की जीत : एकनाथ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है। यह बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी शिवसेना वास्तविक है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सरकार बनाई।’
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे : उद्धव
निर्वाचन आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, ‘एकनाथ शिंदे गुट ने तीर-कमान चिन्ह चुराया है, जनता इस चोरी का बदला लेगी।’ उद्धव ने कहा, ‘भारत में लोकतंत्र नहीं बचा; प्रधानमंत्री को ऐलान करना चाहिए कि देश में तानाशाही शुरू हो गई है।’