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अमेरिकी अरबपति का भारत विरोधी बयान स्मृति ईरानी ने बताया ‘युद्ध थोपने जैसा’

अमेरिकी अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस का मानना है कि गौतम अडाणी के व्यापारिक साम्राज्य में उथल-पुथल सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है। सोरोस ने बृहस्पतिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक संबोधन में कहा कि मोदी को अडाणी समूह के आरोपों पर विदेशी निवेशकों और संसद के ‘सवालों का जवाब देना होगा।’ इस बीच, उनके भाषण पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। सोरोस की टिप्पणी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारत के खिलाफ युद्ध थोपने जैसी करार दिया। ईरानी ने आरोप लगाया कि सोरोस भारतीय लोकतंत्र को तबाह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान की सरकार और प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ऐसे गलत इरादों के सामने नहीं झुकेंगे।’

गौर हो कि सोरोस ने अपने भाषण में कहा कि अडाणी समूह में उथल-पुथल देश में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का द्वार खोल सकती है। उनका लगभग 42 मिनट का भाषण जलवायु परिवर्तन, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका की समस्या, तुर्की आपदा और चीन की विफलताओं पर केंद्रित रहा।

सोरोस के बयान के बाद स्मृति ने दावा किया कि सोरोस ने भारत समेत विश्व की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप के लिए एक अरब डॉलर से अधिक का कोष बनाया है।

इससे पहले सोरोस ने कहा है कि भारतीय व्यवसायी गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास को हिला दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं।

मोदी और कारोबार जगत की महत्वपूर्ण हस्ती अडाणी करीबी सहयोगी हैं और उनके हित आपस में जुडे हैं। अडाणी समूह पर शेयरों में धोखाधड़ी का आरोप है और उसकी कंपनियों के शेयर ताश के पत्तों की तरह ढह गये। मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा। भारत की केंद्र सरकार पर मोदी का दबदबा काफी कमजोर हो जाएगा और आवश्यक तौर पर संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने का दरवाजा खुल जाएगा।

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