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रोजगार देने की बजाय, पक्की नौकरियों को किया खत्म : हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने राज्यपाल से गलत दावे करवाए, जो जमीन पर कहीं नजर नहीं आते। अभिभाषण में सरकार ने अपनी नाकामियों को उपलब्धियों की तरह पेश करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, हकीकत यह है कि पिछले आठ वर्षों में मौजूदा सरकार ने हरियाणा को हर मोर्चे पर पीछे धकेलने का काम किया है। कानून व्यवस्था की जिस स्थिति पर सरकार को शर्मसार होना चाहिए, उस पर भी वह अपनी पीठ थपथपा रही है। खुद केंद्र की सामाजिक प्रगति रिपोर्ट कहती है कि नागरिक सुरक्षा के मामले में हरियाणा सबसे निचले पायदान पर है। पूरे कार्यकाल में इस सरकार ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की बजाय भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया। इसके लिए घोटालों की जांच रिपोर्ट को दबा कर उन पर लीपापोती की गई। युवाओं को रोजगार देने के बजाय सरकार ने सरकारी महकमों में पदों को खत्म करने का काम किया। प्रदेश में लगभग दो लाख पद खाली हैं। भर्तियों के नाम पर ताबड़तोड़ घोटाले किए गए गए। कौशल निगम के जरिए कम वेतन में बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के पढ़े-लिखे युवाओं का शोषण किया जा रहा है।

भाजपा-जजपा सरकार में नये स्कूल बनाने की बजाय पहले से स्थापित स्कूलों को ताले जड़े जा रहे हैं। परिवार पहचान पत्र की आड़ में बुजुर्गों को पेंशन देने की बजाय उस पर कैंची चलाई जा रही है। गरीबों को राहत देने की बजाय उनके राशन काटे जा रहे हैं। पीपीपी के जरिए इस सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण और गरीबों को लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया। छोटे-छोटे व गरीबों की लाखों रुपए सालाना आय दिखाकर हजारों परिवारों को हाशिए पर धकेल दिया।

हुड्डा ने कहा कि अभिभाषण में किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए। लेकिन सच्चाई यह है कि गठबंधन सरकार के दौरान सबसे ज्यादा ज्यादती किसानों के साथ हुई। न एमएसपी मिला, न समय पर खाद मिली और क्षतिपूर्ति हुई।

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