
पीएम ने दी सलाह, अब दूसरे राज्य भी अपनाएंगे परिवार पहचान-पत्र योजना
हरियाणा सरकार द्वारा गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की अनूठी पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के रूप में देश में लागू किया जा चुका है। अब प्रधानमंत्री ने हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) नामक एक ओर अनूठी योजना को सभी राज्यों को अपनाने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री रविवार को करनाल क्लब में आयोजित मुख्यमंत्री जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याओं को सुना और मौके पर उनके निदान के आदेश दिए। लोगों की समस्याओं को सीधा सुनने की आरंभ की गई मुख्यमंत्री की पहल का लोग स्वागत कर रहे हैं। वे इस बात से संतुष्ट नजर आए कि मुख्यमंत्री स्वयं उच्च अधिकारियों के साथ बैठ कर समस्याओं को सुन रहे हैं और मौके पर ही उनका समाधान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता उनका परिवार है और लोगों की समस्याओं को सुनने का यह अनूठा प्रयोग है। इससे पहले रोहतक, सिरसा, सोनीपत व कुरुक्षेत्र जिलों में भी जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का हर हालत में समाधान किया जाएगा। अधिकारियों को लापरवाही बरतने नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार ने पिछले 8 वर्षों में व्यवस्था परिवर्तन के कई काम किए हैं। लोगों के जीवन को सरल बनाने व उनकी शिकायतों और समस्याओं के निदान के लिए नई-नई नीतियां बनाई हैं और पुराने कानूनों में संशोधन किये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नई पहल शुरू करते हुए विवादों से समाधान कार्यक्रम चलाया था, जिसके तहत नई नीतियां बनाकर विभिन्न विभागों की समस्याओं का निदान किया गया।
राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से परिवारों का डाटा एकत्र किया है और उनके कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हर वर्ग के कल्याण के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। 6 वर्ष तक के आयु समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है, ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की देखभाल की जा सके, भले ही बच्चा वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में जा रहा हो या नहीं।
6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के आयु समूह को स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, ताकि विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक के आयु समूह को उच्च शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए सौंपा गया है कि प्रत्येक युवा या तो शिक्षित हो या नौकरियों के लिए कौशलप्राप्त हो। इस अवसर पर विधायक हरविंद्र कल्याण, करनाल मंडलायुक्त डॉ़ साकेत कुमार, मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव के़ मकरंद पाण्डुरंग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक डीके बेहरा, करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया और जिला उपायुक्त अनीश यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।