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हरियाणा के किसानों के खातों में पहुंचे 2-2 हजार

पीएम मोदी ने जारी की ‘प्रधानमंत्री किसान निधि योजना’ की 13वीं किस्त

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने सदैव किसान हितैषी निर्णय लिए हैं। पिछले 8 वर्षों से फसलों की बुआई सीजन आरंभ होने से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं, ताकि किसान अपनी मर्जी से फसल बुआई का चयन कर सके और अपनी आमदनी बढ़ा सके।

इतना ही नहीं, कृषि आदानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत हर साल 2-2 हजार रुपये की तीन किस्त जारी की जाती है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के खातों में 13वीं किस्त जारी की है, इसके लिए हरियाणा वासियों की ओर से वे प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों को बहकाती रहती थी, लेकिन अब सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का स्थाई फार्मूला तय कर दिया है।

बुआई सीजन आरंभ होने से पहले ही किसानों को पता चल जाता है कि आगामी खरीद सीजन में कौन सी फसल किस मूल्य में बेची जा सकती है, उसी के अनुसार वह फसलों की बुआई करने का फैसला ले सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें स्वामीनाथन आयोग के नाम पर भी किसानों को बरगलाती थीं। हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा वर्ष 2015 में ही देने की शुरुआत की थी जबकि स्वामीनाथन आयोग ने अपनी सिफारिशों में 10 हजार प्रति एकड़ देने की बात की थी।

हरियाणा सरकार ने तो किसानों को स्वामीनाथन प्लस दिया है। अब सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 15 हजार प्रति एकड़ किया है जो देश में सर्वाधिक है। पिछली सरकारें किसान को बेचारा ही रहना देना चाहती थी, लेकिन आज आईटी के युग में किसान आधुनिक तकनीक के साथ खेती कर रहा है। हरित क्रांति में अपनी कड़ी मेहनत से देश को खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मह्त्वपूर्ण योगदान देने वाला हरियाणा का किसान आज नील क्रांति व श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर है।

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