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… ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन हो ‘खेल जैसा आसान’

20 देशों के प्रतिनिधियों को पीजीआई चंडीगढ़ सिखा रहा है गुर

हर खेल आसान नहीं होता, लेकिन आसानी को भी हम खेल से जोड़ते हैं, जैसे ‘यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है।’ असल में सार्वजनिक स्वास्थ्य बहुत ज्यादा पेचीदा न हो, इसके लिए चंडीगढ़ पीजीआई 20 देशों के प्रतिनिधियों को ‘गेमिफिकेशन’ के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन और नेतृत्व के गुर सिखा रहा है। इसमें कई अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं।

यह अनूठी तकनीक विभिन्न देशों के प्रतिभागियों को भाषाई और सांस्कृतिक बाधाओं को दूर करते हुए खेल और मजेदार अभ्यास के माध्यम से महत्वपूर्ण तकनीकी कौशल को आत्मसात करने में मदद करती है। वर्ष 2016 में अपनी स्थापना के बाद से इस कार्यक्रम में शुरू की गई गेमिफिकेशन तकनीक ने बहु-देशीय प्रतिभागियों की भागीदारी और जुड़ाव बढ़ाया है। इस संबंध में डॉ. सोनू गोयल कहते हैं, ‘भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम यानी विश्व एक परिवार है को मानता है। गोयल सामुदायिक चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के प्रोफेसर और फिलवक्त अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन विकास कार्यक्रम (आईपीएचएमडीपी) के कार्यक्रम निदेशक हैं। बताया गया कि कार्यक्रम के समापन के बाद प्रतिभागी अपने देश एवं संस्था में अनुभव का फायदा उठाएंगे। इसमें साथ मिलकर कभी हंसी योग तो कभी अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया और जरूरी चीजों को समझा। प्रतिभागियों ने कहा कि यह अनूठा तरीका है।

इन देशों की है भागीदारी

चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर में सामुदायिक चिकित्सा विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा 21 फरवरी से यह कार्यक्रम चलाया गया है जो 2 मार्च तक चलेगा। एशिया, अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और सीरिया सहित छोटे द्वीप देशों, इस्वातिनी साम्राज्य, तंजानिया, नाइजीरिया, इथियोपिया, पैराग्वे, नेपाल, कजाकिस्तान, बोत्सवाना, ताजिकिस्तान, ओमान, मैक्सिको, लाइबेरिया के 20 देशों के प्रतिभागी, जाम्बिया, भूटान, दक्षिण सूडान, इराक, मंगोलिया और मॉरीशस आदि स्थानों से यहां लोग आए हैं।

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