
एक दिन हिजाब ना पहनने से खत्म नहीं हो जाएगी आपकी आस्था : सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने सीबीएसई की एआईपीएमटी परीक्षा में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति देने का आग्रह करने वाली मुस्लिम संगठनों की याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीएसई की एआईपीएमटी परीक्षा में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति देने का आग्रह करने वाली मुस्लिम संगठनों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ ने स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन आफ इंडिया की अर्जी खारिज करते हुए कहा, ‘परीक्षा में यदि आप बिना हिजाब के सम्मिलित होती हैं तो आपकी आस्था खत्म नहीं हो जाएगी।’
अर्जी को ‘अहं के अलावा कुछ और नहीं’ करार देते हुए कोर्ट ने कहा कि परीक्षा समाप्त हो जाने के बाद अभ्यर्थी हिजाब पहन सकते हैं। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि एक खास तरह के पहनावे से आस्था को नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आस्था पहनावे से अलग चीज है।
गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय ने तीन दिन पहले दो मुस्लिम लड़कियों को परीक्षा के दौरान हिजाब पहनने की सशर्त अनुमति दी है। एआईपीएमटी की परीक्षा दोबारा 25 जुलाई को होनी है।
सीबीएसई ने हाल ही अपने एक आदेश में कहा था कि 25 जुलाई को होने वाली एआईपीएमटी में स्कार्फ या फुल स्लीव पहन कर आने पर रोक रहेगी। मुस्लिम स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जाहिर की थी। इनका कहना था कि स्कार्फ और फुल स्लीव पहनने पर रोक गलत है और इससे उनकी धार्मिक आस्था को चोट पहुंचती है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।