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सर्विकल कैंसर : लड़कियों का टीकाकरण जून से

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नौ से 14 साल की लड़कियों के टीकाकरण में स्वास्थ्य मंत्रालय की मंशा सर्विकल कैंसर के लिये एचपीवी टीके को भी शामिल करने की है जिसकी शुरुआत जून में होगी। सरकार के अप्रैल में वैश्विक टेंडर जारी करने की संभावना है।

सीरम इंस्टीट्यूट निर्मित एचपीवी टीके ‘सर्वावैक’ की शुरुआत 24 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला और कंपनी के सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह की मौजूदगी में की थी। सूत्रों ने बताया, ‘मंत्रालय एचपीवी टीकों की 16.02 करोड़ खुराक के लिये संभवत: अप्रैल में वैश्विक टेंडर जारी करेगा, जिसकी आपूर्ति 2026 तक की जायेगी। घरेलू निर्माता सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया के अलावा वैश्विक टीका निर्माता मर्क के भी इस टेंडर में शामिल होने की संभावना है।’ पिछले साल जुलाई में भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीच्यूट को देश में विकसित इस टीके एचपीवी के विपणन के अधिकार को मंजूरी दी थी।

विदेशी टीके बहुत महंगे

भारत फिलहाल एचपीवी टीकों के लिये पूरी तरह से विदेशी निर्माताओं पर ही निर्भर है। वैश्विक तौर पर तीन कंपनियां एचपीवी का निर्माण करती हैं जिनमें से दो अपनी खुराक भारत को बेचती हैं। सूत्रों ने बताया कि बाजार में उपलब्ध टीके की खुराक की कीमत चार हजार रुपये से अधिक है। सितंबर 2022 में पूनावाला ने कहा था कि सर्वावैक की प्रत्येक खुराक की कीमत 200 से 400 रुपये होगी।

विश्व की 16 फीसदी आधी आबादी भारत में

दुनिया की लगभग 16 प्रतिशत महिलायें भारत में रहती हैं। दुनिया भर में सर्विकल कैंसर के लगभग एक चौथाई मरीज और इससे होने वाली एक तिहाई मौतें भारत में होती हैं। अधिकारियों के अनुसार, भारतीय महिलाओं को आजीवन सर्विकल कैंसर होने का 1.6 प्रतिशत जोखिम और एक प्रतिशत मृत्यु जोखिम का सामना करना पड़ता है। हालिया अनुमान के अनुसार, प्रत्येक साल करीब 80 हजार महिलायें सर्विकल कैंसर से पीड़ित होती हैं और 35 हजार की इससे मौत हो जाती है।

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