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चंडीगढ़ की सभी 89 पेड पार्किंग का जिम्मा अब निगम के हवाले

बैठक में पहुंचे प्रशासक, कहा अधिकारी और पार्षद मिलकर करें काम

सोमवार को नगर निगम के नये मेयर अनूप गुप्ता की प्रधानगी में हुई पहली बैठक में चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित मुख्य मेहमान के रूप में पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने सभी 35 पार्षदों को मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य जनता की सेवा होना चाहिए।

ऐसे में उन्हें ईमानदारी से काम करना चाहिए। प्रशासक ने कहा कि नगर निगम से भ्रष्टाचार जड़ से नष्ट होना चाहिए। निगम अफसरों और पार्षदों को जनता की समस्याएं सुनने के लिए जनता दरबार लगा उनके बीच जाना चाहिए। चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता ने भी प्रशासक से कहा कि सड़कें और हार्टिकल्चर पूरी तरह से निगम को दिया जाना चाहिए। अभी 75 प्रतिशत सड़कें निगम के पास हैं और बाकी प्रशासन के दायरे में हैं। जब तक कोई स्कीम नहीं आती तब तक लाल डोरे के बाहर रह रहे लोगों को अस्थाई रूप से बुनियादी सेवाएं दी जानी चाहिए।

मेयर ने कहा कि निगम से जुड़ी कंपनियों की किसी भी प्रकार की लापरवाही और कोताही को हाउस में रखा जाएगा। हाउस तय करेगा कि संबंधित कंपनी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई करनी है।

नया टेंडर होने तक शहर की सभी 89 पेड पार्किंग के संचालन की जिम्मेवारी अब निगम को संभालनी पड़ेगी। सोमवार को सदन की बैठक में सभी पार्षदों के विरोध और आपत्ति के बाद जोन-2 की 57 पार्किंग स्थलों को 32 पार्किंग की जिम्मेवारी संभालने वाली जोन-1 कंपनी को सौंपे जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।

मंगलवार को जोन-1 का समाप्त होने जा रहे कॉन्ट्रेक्ट को भी आगे नहीं बढ़ाए जाने का फैसला सर्वसमिति से पारित कर दिया गया।

कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी, गुरबख्श रावत से लेकर भाजपा पार्षद सौरभ जोशी, कंवरजीत सिंह राणा और आप से दमनप्रीत सिंह बादल और प्रेम लता ने पार्किंग में सुविधाओं से जुड़े तमाम तरह के सवाल उठाए। पार्षदों ने जोन-1 कंपनी को क्लीन चिट दिए जाने पर भी नाराजगी जताई। सदन के फैसले के साथ ही अब निगम की रोड विंग और अन्य स्टॉफ को ही पार्किंग स्थलों की जिम्मेवारी संभालनी पड़ सकती है।

इस मौके पर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि पूरी बहस के बाद ऐसा लगा कि आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर आरोप हैं तो संबंधित अधिकारी नाम बताया जाए।

बैठक में शामिल एजेंडों में पांच सदस्यों वाली वित्त एवं अनुबंध समिति के लिए सदस्य पार्षदों को चुन लिया गया। इनमें वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज डिस्पोजल कमेटी, रोड कमेटी तथा हाउस टैक्स असेसमेंट कमेटी शामिल थी। शहर में व्यावसायिक, औद्योगिक एवं संस्थाओं वाली जमीन और बिल्डिंग्स पर प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर बाय लॉज के तहत प्रति दिन जुर्माना 10 रुपए से कम कर, 10 पैसा करने का मुद्दा रखा गया जो पास हो गया।

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