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नपेंगे अवैध निर्माण के लिए जिम्मेवार अधिकारी

15 दिन में तैयार होगी सूची । विधानसभा अध्यक्ष ने ली आला अधिकारियों की बैठक

पंचकूला में गत वर्षों में हुए अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने जा रही है। यह पहली बार होगा जब अवैध निर्माण पर पीला पंजा चलने से पहले जिम्मेदार अफसरों पर शिकंजा कसा जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर कड़ा संज्ञान लिया है। समस्या से निपटने के लिए उन्होंने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के आला अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में नगर निगम के महापौर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित रहे। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित 2 तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग विभाग से संबंधित 19 मसलों पर विस्तृत चर्चा हुई।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अधिकारियों को पंचकूला के सुनियोजित विकास के लिए काम करना होगा। यह विकास पंचकूला और आसपास के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने वाला होना चाहिए। गत वर्षों में हुए अवैध निर्माण पर उन्होंने शीर्ष अधिकारियों से जवाब तलब किया। यहां अवैध रूप से बड़ी संख्या में दुकानें और दूसरे निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इस पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे हर हाल में अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सूचीबद्ध कर लेंगे और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर ली जाएगी।

ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि इस प्रकार के निर्माण अधिकारियों की शह पर हुए हैं। ऐसे अधिकारी बाद में अपना बचाव करने के लिए पीला पंजा भी चलवा देते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि लोगों के निर्माण तोड़ने से पहले जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के पास नो ड्यूज के लिए पेंडिंग आवेदनों का भी ब्योरा मांगा। इसके साथ ही निर्देश दिए कि ऐसे आवेदनों का निपटारा 30 दिन के भीतर किया जाए।

चंडी कोटला में कॉलोनी काटने का मामला भी बैठक के दौरान चर्चा का विषय रहा। उन्होंने कहा कि नगर निगम सीधे तौर पर जनता द्वारा चुना गया निकाय है। ऐसे में किसी भी स्तर के अधिकारी द्वारा निगम को निर्देशित नहीं किया जा सकता। विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कॉलोनियों को नियमित करने के लिए नगर निगम के सदन से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया गया है। विभाग की ओर से भेजी गई कॉलोनियों की सूची में ऐसी कॉलोनियां भी शामिल कर ली गई थीं, जिन्हें कोर्ट द्वारा हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

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