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विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा, राज्यसभा दो बजे तक स्थगित

लोकसभा व राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बजे तक स्थगित कर दी गयी। संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत दौरे पर आईं जाम्बिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर नेली मुट्टी और वहां के संसदीय शिष्टमंडल का सदन की ओर से स्वागत किया। जाम्बिया के शिष्टमंडल के सदस्य इस दौरान सदन की विशेष दीर्घा में बैठे थे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य अपने मुद्दे उठाने का प्रयास करने लगे। कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गये। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील की और कहा कि बिना तथ्यों के कोई बात नहीं की जानी चाहिए।

इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य पूनम मदाम को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने को कहा, लेकिन हंगामे के बीच वह पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं। अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। विधान मंडल अध्यक्षों के सम्मेलन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि प्रश्नकाल चलना चाहिए।’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘आप बुनियादी सवाल उठाएं। मैं आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सदन की मर्यादा नहीं रखना चाहते। बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कीजिए।’ हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। समझा जाता है कि विपक्षी सदस्य सदन में अडाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इस विषय पर कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया है।

नियम 267 का दिया हवाला

विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा बृहस्पतिवार को नियम 267 के तहत नोटिस दे कर राज्यसभा में सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित करने एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग के चलते हुए हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण के निधन का उल्लेख किया। उनके योगदान की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि शांति भूषण उच्च सदन के पूर्व सदस्य थे। इसके बाद सदस्यों ने उनके सम्मान में कुछ देर मौन रखा। धनखड़ ने इसके बाद सदन को बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुची शिवा सहित कुल नौ सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। उन्होंने पूर्व की अपनी व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस स्वीकार किए जाने की अनिवार्यताओं को पूरा नहीं करता है, लिहाजा उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया। उनके ऐसा कहते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने एलआईसी, एसबीआई आदि की होल्डिंग्स के ओवरएक्सपोजर की रिपोर्ट की गई घटनाओं के आलोक में तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था।

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